भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस 2025: राष्ट्रपति मुर्मू ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया मानवता की लड़ाई में मिसाल

भारत आज (15 अगस्त 2025) अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही गर्व और उल्लास के साथ मना रहा है। राजधानी दिल्ली में लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण कर राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस वर्ष का थीम ‘नया भारत’ है, जिसका प्रमुख आकर्षण है ऑपरेशन सिंदूर — एक ऐसा सैन्य अभियान जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ और निर्णायक प्रतिक्रिया को पूरी दुनिया के सामने रखा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक स्थायी मिसाल के रूप में दर्ज होगा।

राष्ट्रपति ने 6.5% जीडीपी वृद्धि, बुनियादी ढांचे के विस्तार, मेक-इन-इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं को भारत की आर्थिक मजबूती का प्रमाण बताया। उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सामूहिक संकल्प पर जोर दिया।

लाल किले पर भव्य समारोह

लाल किले पर आयोजित होने वाले समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फ्लाइंग ऑफिसर रशिका शर्मा मौजूद रहेंगी। ध्वजारोहण के साथ ही 1721 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) द्वारा 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। इस बार लगभग 5,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।

ज्ञानपथ पर लगाए गए व्यू कटर पर ऑपरेशन सिंदूर का लोगो और थीम आधारित फूलों की सजावट होगी। समारोह के निमंत्रण पत्रों पर चिनाब ब्रिज का वॉटरमार्क भी होगा, जो ‘नया भारत’ के उदय का प्रतीक है।

एकता और आत्मनिर्भरता का संदेश

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा,

“हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारी एकता है, जो हमें विभाजित करने की कोशिश करने वालों को करारा जवाब देती है।”

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत मिशन की सफलता को भी प्रमाणित किया है। स्वदेशी निर्माण क्षमता ने भारत को अपनी कई सुरक्षा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भर बना दिया है।

युवा, महिलाएं और हाशिये के समुदाय—विकसित भारत की कुंजी

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के विकास में तीन प्रमुख वर्ग अहम भूमिका निभाएंगे—युवा, महिलाएं और हाशिये पर रहने वाले समुदाय। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा को मूल्यों और कौशल के साथ जोड़ा गया है, जिससे युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का सही माहौल मिल रहा है।

‘स्वदेशी’ की भावना को फिर से जगाने का आह्वान

राष्ट्रपति ने हाल ही में मनाए गए राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें अपने कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों को अपनाना चाहिए। महात्मा गांधी द्वारा प्रेरित ‘स्वदेशी’ का विचार आज भी मेक-इन-इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को नई ऊर्जा देता है। उन्होंने देशवासियों से स्थानीय उत्पाद खरीदने और उनका उपयोग करने का संकल्प लेने की अपील की।

किसानों और सुधारों की सराहना

राष्ट्रपति ने किसानों के प्रयासों और सरकार द्वारा किए गए सामाजिक-आर्थिक सुधारों की प्रशंसा की, जिनसे बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और यह गति हमें 2047 तक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य तक पहुंचाएगी।https://www.youtube.com/live/dDAtSvLEjGw?feature=shared

Leave a Comment