Rishi Panchami हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है जिसे हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है। मान्यता है कि Rishi Panchami vrat करने से मासिक धर्म दोष (ऋतु दोष) से मुक्ति मिलती है और सप्तऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस वर्ष Rishi Panchami 2025 का व्रत 28 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक है। इस दिन स्नान, सप्तऋषि पूजन और व्रत कथा का पाठ करना विशेष फलदायी माना गया है।
Rishi Panchami Vrat का महत्व
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Rishi Panchami को विशेष रूप से महिलाओं का व्रत माना गया है।
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यह व्रत सप्तऋषियों (अत्रि, कश्यप, गौतम, जमदग्नि, वशिष्ठ, भारद्वाज और विश्वामित्र) की पूजा के लिए किया जाता है।
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मान्यता है कि इस व्रत से पिछले जन्मों और वर्तमान जीवन के पापों का क्षय होता है।
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स्त्रियाँ इस व्रत से ऋतु-दोष (menstruation impurity) से मुक्त होकर पवित्रता प्राप्त करती हैं।
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गंगा स्नान और सप्तऋषियों का पूजन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Rishi Panchami 2025 Vrat Vidhi (पूजा विधि)
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प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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गंगा जल से स्नान करना विशेष फलदायी है।
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सप्तऋषियों की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
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धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य से सप्तऋषियों का पूजन करें।
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व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।
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दिनभर व्रत का पालन करें और शाम को ब्राह्मणों को भोजन व दान करें।
Rishi Panchami 2025 Vrat Katha
पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में एक किसान और उसकी पत्नी रहते थे। एक बार पत्नी रजस्वला होने के बावजूद घरेलू कामों में लगी रही। इसके कारण उसे ऋतु-दोष लग गया और पति को भी इसका प्रभाव झेलना पड़ा।
अगले जन्म में पत्नी कुटिया (जानवर) और पति बैल के रूप में जन्मे। उनके पुत्र सुचित्र के घर यह दोनों रहते थे। एक दिन ब्राह्मण भोजन हेतु आए, उस समय भोजन में सांप ने विष डाल दिया जिसे कुटिया ने देखकर अपने प्राण त्याग दिए और पुत्रवधू को ब्रह्महत्या से बचा लिया।
इसके बाद ऋषियों ने बताया कि उनके माता-पिता को इस दोष से मुक्त करने का उपाय केवल Rishi Panchami vrat है। जब सुचित्र ने यह व्रत किया तो उसके माता-पिता को मुक्ति मिली और उन्हें पुनः मनुष्य योनि प्राप्त हुई।
Rishi Panchami Vrat Benefits
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मासिक धर्म दोष से मुक्ति।
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पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति।
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सप्तऋषियों का आशीर्वाद।
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परिवार में सुख-शांति और समृद्धि।
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पुनर्जन्म के दोषों से मुक्ति।
Rishi Panchami 2025 केवल एक व्रत नहीं बल्कि आत्मशुद्धि, पवित्रता और सप्तऋषियों के आशीर्वाद से जुड़ा हुआ एक पावन अवसर है। इस दिन व्रत कथा का पाठ किए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए हर महिला को चाहिए कि वह श्रद्धा भाव से इस व्रत का पालन करे और सप्तऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त करे।
👉 इस प्रकार Rishi Panchami जीवन में शुद्धता, धर्म और आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करती है।
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