Andhera Season 1 Review में आपका स्वागत है, जहाँ हम बात करेंगे मुंबई के जगमगाते क्षितिज के पीछे छिपी एक ऐसी डरावनी ताकत की, जो सिर्फ जंप स्केयर से नहीं बल्कि अपने माहौल और तनाव से दर्शकों को जकड़ लेती है। गौरव देसाई द्वारा रचित और राघव दार द्वारा निर्देशित यह वेब सीरीज़, अलौकिक थ्रिलर की दुनिया में एक अनोखा अनुभव देती है।
कहानी की शुरुआत होती है डॉ. पृथ्वी सेठ (प्रणय पचौरी) और बानी बरुआ (जाह्नवी रावत) से, जो रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो जाती है। इंस्पेक्टर कल्पना कदम (प्रिया बापट) इस केस को संभालती हैं और जल्द ही एक अंधेरी, अदृश्य शक्ति के रहस्य में उलझ जाती हैं। उनका सफर उन्हें पृथ्वी के छोटे भाई जय (करणवीर मल्होत्रा) तक ले जाता है, जो भयानक बुरे सपनों और छायादार प्रेतों से परेशान है।
Andhera Season 1 Review में सबसे दिलचस्प हिस्सा है रूमी (प्राजक्ता कोली) का किरदार—एक पॉडकास्टर जो अलौकिक घटनाओं में यकीन रखती है और जय की कहानी सुनने को तैयार होती है। जैसे-जैसे ये तीनों साथ मिलकर रहस्य सुलझाने की कोशिश करते हैं, वे एक ऐसे अंधेरे के करीब पहुँचते जाते हैं जो हकीकत और बुरे सपनों की सीमा को मिटा देता है।
इस शो की सबसे बड़ी ताकत है इसका माहौल। सिनेमैटोग्राफर हुएंतसांग महापात्रा ने मुंबई की जगमगाहट और अंधेरे का ऐसा संतुलन दिखाया है जो डर और बेचैनी दोनों पैदा करता है। प्रेतबाधित पात्र की पतली, पिशाच जैसी आँखें वाकई दर्शकों के मन में गहरी छाप छोड़ती हैं। केतन सोढ़ा का बैकग्राउंड म्यूज़िक भी कहानी के तनाव को और गहरा बना देता है।
Andhera Season 1 Review में यह भी साफ है कि शो केवल डराने के लिए नहीं बल्कि दर्शकों को एक लगातार बेचैनी के माहौल में रखने के लिए बना है। आठ एपिसोड्स में कहानी धीरे-धीरे खुलती है, जिससे दर्शक हर मोड़ पर उत्सुक बने रहते हैं। हालांकि, आखिरी एपिसोड्स में थोड़ी दोहराव की समस्या आती है और कुछ दृश्यों की गति धीमी पड़ जाती है।
चरित्रों की बात करें तो प्रिया बापट ने एक मजबूत और संवेदनशील पुलिस अधिकारी का बेहतरीन चित्रण किया है। करणवीर मल्होत्रा ने अपने किरदार की भावनाओं और डर को बखूबी दर्शाया है। प्राजक्ता कोली का किरदार रूमी, शो में एक मानवीय गर्माहट और करिश्मा लाता है।
शो के कुछ किरदार, जैसे वत्सल सेठ का डेरियस, पूरी तरह विकसित नहीं हो पाए। यह एक मिस्ड ऑपॉर्च्युनिटी है क्योंकि उनका बैकस्टोरी और रोल और गहराई से दिखाया जा सकता था।
अंत में, Andhera Season 1 Review यह बताता है कि यह सीरीज़ केवल एक हॉरर शो नहीं बल्कि एक माहौल आधारित अलौकिक थ्रिलर है। जो दर्शक नॉयर टच के साथ शहरी हॉरर पसंद करते हैं, उनके लिए “अंधेरा” एक शानदार विकल्प है—बशर्ते वे थोड़ी धीमी गति और रहस्यमय माहौल का आनंद ले सकें।