Delhi High Court: अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय को मिला Epic कानूनी सुरक्षा आदेश

Delhi High Court: अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन को व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए मिली राहत

नई दिल्ली – हाल के दिनों में बॉलीवुड हस्तियों के व्यक्तित्व अधिकारों (Personality Rights) की सुरक्षा को लेकर न्यायपालिका सक्रिय दिखाई दे रही है। इसी क्रम में Delhi High Court ने अभिनेता अभिषेक बच्चन को उनके नाम, छवि और पहचान के अवैध उपयोग से बचाने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा (Interim Injunction) प्रदान की है। यह आदेश ठीक उसी तरह का है जैसा कि 9 सितंबर को अदालत ने अभिनेत्री और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन के मामले में सुनाया था।


Delhi High Court का ताज़ा फैसला

Delhi High Court ने अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन को व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरिम कानूनी सुरक्षा आदेश दिया
Delhi High Court ने अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय को उनके व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए बड़ा कानूनी आदेश दिया।

न्यायमूर्ति तेजस करिया की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व अधिकारों का अवैध व्यावसायिक शोषण स्वीकार्य नहीं है। अदालत ने कहा कि आधुनिक दौर में सोशल मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती गतिविधियों के कारण व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन का खतरा और भी बढ़ गया है।


अभिषेक बच्चन की याचिका में क्या कहा गया?

अभिषेक बच्चन ने अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि:

  • कई वेबसाइट्स, सोशल मीडिया अकाउंट्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स उनके नाम, तस्वीर और आवाज़ का बिना अनुमति इस्तेमाल कर रहे हैं।

  • कुछ मामलों में AI और Deepfake तकनीक का उपयोग करके उनकी छवि को अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री से जोड़कर पेश किया जा रहा है।

  • इस तरह की गतिविधियाँ न केवल उनके व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन हैं बल्कि उनकी प्रतिष्ठा और करियर को भी नुकसान पहुँचा सकती हैं।


ऐश्वर्या राय बच्चन को भी मिली थी राहत

यह मामला नया नहीं है। इससे पहले 9 सितंबर को Delhi High Court ने अभिषेक बच्चन की पत्नी और मशहूर अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन को भी इसी तरह की राहत दी थी।

उनकी याचिका में कहा गया था कि:

  • कई लोग उनके नाम, तस्वीर और वीडियो का व्यावसायिक लाभ के लिए गलत उपयोग कर रहे हैं।

  • AI तकनीक का इस्तेमाल कर उनकी छवि को विकृत करके सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया जा रहा है।

  • अदालत ने कहा था कि “व्यक्तित्व अधिकार” किसी भी व्यक्ति की पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं और अदालतें इनके उल्लंघन पर “आँखें नहीं मूंद सकतीं।”


व्यक्तित्व अधिकार क्यों हैं ज़रूरी?

Delhi High Court के इस आदेश ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि व्यक्तित्व अधिकार आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं।

  1. पहचान की सुरक्षा – हर व्यक्ति का नाम, छवि और आवाज़ उसकी पहचान होती है।

  2. प्रतिष्ठा की रक्षा – गलत या अश्लील उपयोग से किसी की सामाजिक और पेशेवर प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है।

  3. डिजिटल युग की चुनौतियाँ – AI और Deepfake तकनीक के कारण किसी भी सेलिब्रिटी की छवि को आसानी से विकृत किया जा सकता है।

  4. आर्थिक शोषण से बचाव – कई बार बिना अनुमति लिए गए नाम और तस्वीरों का उपयोग कंपनियाँ और ब्रांड्स लाभ कमाने के लिए करते हैं।


Delhi High Court का रुख और व्यापक असर

अदालत का यह फैसला केवल बच्चन परिवार तक सीमित नहीं रहेगा। यह एक मिसाल (Precedent) के रूप में काम करेगा जिससे अन्य फिल्मी हस्तियों, खिलाड़ियों और सार्वजनिक व्यक्तियों को भी कानूनी सुरक्षा का आधार मिलेगा।

  • मनोरंजन उद्योग – फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले सितारों की छवि और नाम का दुरुपयोग आम है।

  • खेल जगत – खिलाड़ी भी विज्ञापन और प्रचार में बिना अनुमति उनके नाम के इस्तेमाल की समस्या झेलते हैं।

  • आम नागरिक – डिजिटल दुनिया में आम लोगों की तस्वीरें और डेटा भी गलत हाथों में जाकर दुरुपयोग का शिकार हो सकते हैं।

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विशेषज्ञों की राय

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि Delhi High Court का यह कदम व्यक्तित्व अधिकारों को मजबूत करेगा। AI और Deepfake तकनीक के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए यह फैसला डिजिटल प्राइवेसी और ऑनलाइन सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

Delhi High Court का अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन के पक्ष में दिया गया आदेश केवल दो हस्तियों की सुरक्षा तक सीमित नहीं है। यह फैसला भविष्य में व्यक्तित्व अधिकारों को लेकर आने वाले मामलों की नींव रखता है। डिजिटल युग में जहाँ किसी की छवि को मिनटों में बदला और फैलाया जा सकता है, वहाँ न्यायपालिका का यह सख्त रुख समाज और मनोरंजन उद्योग दोनों के लिए राहत भरा संदेश है।

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