Donald Trump पर अदालत का बड़ा झटका: टैरिफ़ अवैध करार, ट्रंप बोले- “यह अमेरिका को तबाह कर देगा”

Donald Trump पर अदालत का बड़ा झटका: टैरिफ़ अवैध करार, ट्रंप बोले- “यह अमेरिका को तबाह कर देगा”

donald trump
“Donald Trump lashes out after US Court rules tariffs illegal”

वाशिंगटन से आई एक बड़ी ख़बर में Donald Trump को अदालत से झटका लगा है। अमेरिकी संघीय सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariffs) को अवैध करार दिया है। अदालत ने स्पष्ट कहा कि राष्ट्रपति Donald Trump को IEEPA (International Emergency Economic Powers Act, 1970) कानून के तहत ऐसे शुल्क लगाने का अधिकार नहीं है।

हालाँकि, अदालत का यह फैसला 14 अक्टूबर से प्रभावी होगा। इसका मतलब है कि तब तक Donald Trump और उनकी प्रशासन टीम के पास सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का समय रहेगा।


Donald Trump का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूटा

अदालत के फैसले के बाद Donald Trump ने अपने प्लेटफ़ॉर्म Truth Social पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा:
“यह फैसला बेहद पक्षपातपूर्ण है। अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया गया, तो यह अमेरिका को पूरी तरह तबाह कर देगा।”

ट्रंप ने यह भी कहा कि फिलहाल टैरिफ़ अभी भी लागू रहेंगे।


वैश्विक स्तर पर असर

यह फैसला न सिर्फ अमेरिका, बल्कि भारत और अन्य देशों पर भी असर डाल सकता है।

  • भारत पहले से ही Donald Trump द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ से जूझ रहा है।

  • रूसी ऊर्जा खरीदने पर 25% जुर्माना भी भारत को परेशान कर रहा है।

  • यूरोपीय संघ, जापान, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ टैरिफ घटाने पर हुए समझौते अब अधर में लटक गए हैं।

  • कनाडा और मेक्सिको के साथ सीमा-पार ड्रग व्यापार को लेकर लगाए गए शुल्क भी सवालों के घेरे में हैं।


Donald Trump प्रशासन का तर्क

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वैश्विक व्यापार घाटा और नशीली दवाओं की महामारी “राष्ट्रीय आर्थिक आपातकाल” है। इसलिए उन्होंने IEEPA का हवाला देकर टैरिफ लगाए। लेकिन अदालत का कहना है कि नए कर और टैरिफ लगाने का अधिकार केवल कांग्रेस के पास है।


विपक्ष का हमला

डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया और Donald Trump से वैश्विक टैरिफ़ हटाने की मांग की। कांग्रेसी ग्रेगरी मीक्स ने कहा कि भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ़ अन्यायपूर्ण हैं और इन्हें तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।


आगे क्या?

अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि Donald Trump प्रशासन इस फैसले को चुनौती देगा। अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी यही रुख अपनाया, तो ट्रंप की वैश्विक व्यापार नीति को बड़ा झटका लगेगा।

👉 यह मामला सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।

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