अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Trump एक बार फिर चर्चा में हैं, और वजह है उनकी हालिया बयानबाज़ी जिसमें उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संभावित समझौते की उम्मीद जताई है। हफ़्तों से Trump और उनके सहयोगी यह दावा कर रहे थे कि पुतिन ने उन्हें कभी मूर्ख नहीं बनाया, लेकिन अब हालात कुछ और कहानी कह रहे हैं।
Trump का बदलता रुख
बरसों तक पुतिन के लिए गर्मजोशी भरी बातें करने के बाद Trump ने हाल ही में उन पर सीधा हमला बोला। उनका कहना है कि पुतिन पहले की तरह नहीं रहे और अब उन्हें शांति समझौते की उम्मीद है। अलास्का में होने वाली शिखर बैठक से पहले Trump ने कहा कि उन्हें विश्वास है, पुतिन अब एक समझौता करेंगे।
वादे और हकीकत
Trump ने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा, “मुझे लगता है पुतिन पूरी बात चाहते हैं, और मेरे साथ उनके रिश्ते की वजह से वे समझौते के लिए तैयार होंगे।” ओवल ऑफिस में उन्होंने और भी आगे बढ़कर कहा, “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन शांति स्थापित करेंगे।” यह वही दावा है जो Trump ने छह महीने पहले भी किया था — और तब भी पुतिन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था।
पुराने भरोसे की कीमत
फ़रवरी में Trump ने कहा था कि उन्हें पुतिन पर भरोसा है और अगर वह शांति नहीं चाहते तो खुलकर बता देते। लेकिन पिछले महीनों में पुतिन के यूक्रेन पर हमलों ने यह भरोसा कमजोर कर दिया। Trump ने भी मान लिया कि पुतिन ने अच्छी बातें कहीं, लेकिन अमल में नहीं लाए।
Putin के साथ अनुभव
एक दिलचस्प किस्सा खुद Trump ने साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मेलानिया ट्रंप के साथ पुतिन की एक “शानदार” बातचीत के तुरंत बाद ही पुतिन ने एक शहर पर बमबारी की थी। इससे साफ है कि Trump कई बार पुतिन के इरादों को गलत समझ बैठे।
जनता का भरोसा कम
हालिया सर्वे के अनुसार, 59% अमेरिकी नागरिकों को विश्वास नहीं है कि Trump यूक्रेन युद्ध पर सही फैसले लेंगे। सिर्फ 16% को पूरा भरोसा है, जबकि बाकी लोग आंशिक रूप से ही आश्वस्त हैं। इससे यह स्पष्ट है कि Trump की डीलमेकर की छवि को जनता उतना समर्थन नहीं दे रही जितना पहले मिला करता था।
आगे क्या?
अब सवाल यह है कि क्या Trump और पुतिन की मुलाकात किसी वास्तविक समझौते की ओर बढ़ेगी, या फिर यह भी पिछली कोशिशों की तरह अधूरी रह जाएगी। जो भी हो, एक बात तय है — Trump ने इस बार अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है।