Virat Kohli: तालिबान नेता का बयान – बहुत जल्दी लिया टेस्ट से रिटायरमेंट का फैसला
Virat Kohli के रिटायरमेंट पर उठा सवाल

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज़ Virat Kohli ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने फैंस को चौंका दिया। 14 साल लंबे करियर में उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 9,230 रन बनाए और क्रिकेट की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाई। लेकिन उनके इस फैसले पर अफगानिस्तान और तालिबान नेता अनस हक्कानी ने हैरानी जताई है। उनका कहना है कि Virat Kohli ने बहुत जल्दी रिटायरमेंट ले लिया।
रोहित शर्मा और Virat Kohli का संन्यास
इंग्लैंड सीरीज़ से ठीक पहले रोहित शर्मा और Virat Kohli दोनों ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। जहां रोहित का यह कदम समझदारी भरा माना गया, वहीं Virat Kohli का अचानक लिया गया निर्णय कई लोगों को स्वीकार्य नहीं हुआ। क्रिकेट प्रेमियों से लेकर विशेषज्ञों तक, सभी यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या कोहली ने वाकई सही समय पर संन्यास लिया।
अनस हक्कानी का बयान
Virat Kohli को 50 साल तक खेलने का सुझाव
शुभंकर मिश्रा के पॉडकास्ट में तालिबान नेता अनस हक्कानी से जब पूछा गया कि वह रोहित शर्मा और Virat Kohli के रिटायरमेंट को कैसे देखते हैं, तो उन्होंने साफ कहा कि रोहित का फैसला सही था लेकिन Virat Kohli का नहीं।
हक्कानी ने कहा:
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Virat Kohli ने बहुत जल्दी रिटायरमेंट ले लिया।
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अगर वह अपनी फिटनेस बनाए रखें, तो उन्हें 50 साल की उम्र तक खेलना चाहिए।
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कोहली जैसे खिलाड़ी युवाओं को प्रेरणा देते हैं और उनका क्रिकेट खेलते रहना खेल जगत के लिए अच्छा होगा।
Virat Kohli की लोकप्रियता
Virat Kohli की लोकप्रियता भारत तक सीमित नहीं है। पूरी दुनिया में उनके करोड़ों फैंस हैं। एशिया, यूरोप और यहां तक कि अफगानिस्तान जैसे देशों में भी लोग कोहली को रोल मॉडल मानते हैं। यही कारण है कि तालिबान नेता भी खुलेआम खुद को उनका प्रशंसक बताते हैं।
किंग कोहली को उनके आक्रामक अंदाज़, बेहतरीन फिटनेस और रन मशीन जैसी बल्लेबाज़ी के लिए जाना जाता है। उन्हें “Chase Master” और “Modern Great” के नाम से भी पुकारा जाता है।
क्या वाकई Virat Kohli ने जल्दी लिया संन्यास?
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि Virat Kohli अब भी टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे। उनका बल्ला लगातार रन बना रहा था और वह भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी की रीढ़ थे। ऐसे में उनका संन्यास लेना समय से पहले का निर्णय माना जा रहा है।
जहां रोहित शर्मा ने उम्र और टीम संतुलन को देखते हुए यह कदम उठाया, वहीं Virat Kohli का अचानक लिया गया फैसला फैंस और क्रिकेट जगत के लिए बड़ा झटका है।
Virat Kohli की विरासत
मैदान पर और बाहर दोनों जगह प्रेरणा
Virat Kohli सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी फिटनेस, तकनीक और संघर्षशील रवैया आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल है। मैदान के बाहर भी वह करोड़ों लोगों के रोल मॉडल हैं।
टेस्ट से भले ही वह दूर हो गए हों, लेकिन वनडे और टी-20 में अभी भी भारत के लिए रन बना रहे हैं। फैंस को उम्मीद है कि आने वाले वर्ल्ड कप और अन्य टूर्नामेंट्स में Virat Kohli अपनी चमक बिखेरते रहेंगे।
तालिबान नेता का बयान भले ही चौंकाने वाला हो, लेकिन इससे यह साफ होता है कि Virat Kohli की लोकप्रियता कितनी विशाल है। उनका नाम सीमाओं और राजनीति से ऊपर है। यही वजह है कि उनके रिटायरमेंट की चर्चा सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है।
क्रिकेट से जुड़ी यह कहानी इस बात का सबूत है कि Virat Kohli केवल एक खिलाड़ी नहीं बल्कि वैश्विक आइकन बन चुके हैं। टेस्ट से संन्यास के बाद भी उनकी विरासत क्रिकेट जगत को प्रेरित करती रहेगी।
FAQs: Virat Kohli के रिटायरमेंट और करियर से जुड़े सवाल
Q1. Virat Kohli ने टेस्ट क्रिकेट से कब संन्यास लिया?
Virat Kohli ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने 14 साल लंबे करियर में 123 टेस्ट मैच खेले और 9,230 रन बनाए।
Q2. Virat Kohli के टेस्ट क्रिकेट में कितने शतक हैं?
Virat Kohli ने अपने टेस्ट करियर में कुल 29 शतक और 29 अर्धशतक बनाए। उनका औसत 49.15 रहा।
Q3. तालिबान नेता ने Virat Kohli को लेकर क्या बयान दिया?
तालिबान नेता अनस हक्कानी ने कहा कि Virat Kohli ने बहुत जल्दी रिटायरमेंट ले लिया। उनका मानना है कि कोहली को फिटनेस बनाए रखकर 50 साल की उम्र तक खेलना चाहिए।
Q4. क्या Virat Kohli अब भी वनडे और टी-20 क्रिकेट खेल रहे हैं?
हां, टेस्ट से संन्यास लेने के बाद भी Virat Kohli वनडे और टी-20 प्रारूप में भारत के लिए खेल रहे हैं और आने वाले वर्ल्ड कप में टीम का अहम हिस्सा होंगे।
Q5. Virat Kohli को “Chase Master” क्यों कहा जाता है?
Virat Kohli को “Chase Master” इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने वनडे क्रिकेट में लक्ष्य का पीछा करते हुए कई बार भारत को जीत दिलाई है। उनकी बल्लेबाज़ी का अंदाज़ और निरंतरता उन्हें इस उपाधि के लिए खास बनाता है।